गणपति जी भजन 2025 । शहनाज अख्तर तथा अन्य गायकों के प्रसिद्ध भजन लिरिक्स
भगवान गणपति जी के चुनिंदा भजन
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सभी भजन भगवान गणपति जी को समर्पित
घर में पधारो गजानंद जी
घर में पधारो गजानंद जी,
मेरे घर में पधारो।
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा,
मेरे घर में पधारो।
राम जी आना, लक्ष्मण जी आना,
संग में लाना सीता मैया,
मेरे घर में पधारो।
ब्रह्मा जी आना, विष्णु जी आना,
भोले शंकर को ले आना,
मेरे घर में पधारो।
लक्ष्मी जी आना, गौरा जी आना,
सरस्वती मैया को ले आना,
मेरे घर में पधारो।
विघ्न को हरना, मंगल करना,
कारज शुभ कर जाना,
मेरे घर में पधारो।
म्हारे कीर्तन में रस बरसाओ
म्हारे कीर्तन में रस बरसाओ,
बरसाओ, आओ जी गजानन आओ
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
सदा भवानी दाहिनी,
सन्मुख रहे गणेश,
पाँच देव रक्षा करें,
ब्रह्मा विष्णु महेश।
महारा कीर्तन में रस बरसाओ,
बरसाओ,
आओ जी गजानंद आओ।
गंग गणपते नमो नमः,
श्री सिद्ध विनायक नमो नमः।
अष्ट विनायक नमो नमः,
गणपति बाप्पा मोरया।
रात भंवर से आओ जी गजानंद,
रिद्धि सिद्धि को संग लाओ,
जय हो प्रभु लाओ,
आओ जी गजानंद आओ।
जय गणेश जय रिद्धि सिद्धि के दाता,
जय हो पार्वती के पुत्र गजानंद,
शंकर के मन भाओ,
मन भाओ,
आओ जी गजानंद आओ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
हरष-हरष-हरष-हरष गुण गाओ,
गुण गाओ,
आओ जी गजानंद आओ।
बोल सांचे दरबार की जय!
गणेश भजन — सब देवों ने फूल बरसाये
महाराज गजानन आए
देवा कौन तुम्हारी माता
किसके लाल कहाय महाराज
प्रभु गोराजी है माता
शिव शंकर के लाल कहाई महाराज गजानन आए
प्रभु कैसी तुम्हारी पूजा
प्रभु किसका भोग लगा
प्रभु दीप धूप तेरी पूजा
मोदक का भोग लगाए महाराज गजानन आए
प्रभु क्या है तुम्हारा वाहन
कहां पे प्रथम कहाय महाराज गजानन आए
प्रभु मूषक तुम्हारा वाहन
धरती पर प्रथम कहाय महाराज गजानन आए
मोरी अरज सुनो गणराजा (श्रीमती शहनाज अख्तर)
मोरी अरज सुनो गणराजा, हे देवों के महाराजा
मोरी अरज सुनो गणराजा, हे देवों के महाराजा
अंतिम है यही इच्छा मेरी, दिन रात तेरे गुण गाऊं मैं
और शाम सुबह तेरा नाम जपू, तेरी चौखट पे मर जाऊं मैं
और शाम सुबह तेरा नाम जपू, तेरी चौखट पे मर जाऊं मैं
मोरी अरज सुनो गणराजा, हे देवों के महाराजा
मोरी अरज सुनो गणराजा, हे देवों के महाराजा
मोरे भाग जगाने आजा, मोरे भाग जगाने आजा
मोरे भाग जगाने आजा
मोरी अरज सुनो गणराजा, हे देवों के महाराजा
मोरी अरज सुनो गणराजा, हे देवों के महाराजा
आये तुम्हरे द्वार हे गणराजा (श्रीमती शहनाज अख्तर)
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा
राजा राजा राजा राजा
आए तुम्हरे द्वार हे गणराजा...
माँ गौरा के आँखो के तारे
सब के बिगड़े काज संवारे
सदियों से तेरी चली हुकूमत
गिरी नहीं सरकार
आए तुम्हरे द्वार हे गणराजा
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा...
करते तुम मूसा पे सवारी
तुम्हरी लीला सबसे न्यारी
देने वाले तुम हो दाता
नैया लगा दो पार
आए तुम्हरे द्वार हे गणराजा
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा...
तुम्हारे द्वारे आए सवाली
भर दो भगवन झोली खाली
तीन लोक के तुम हो स्वामी
देवों के सरदार
आए तुम्हरे द्वार हे गणराजा
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा.
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