श्याम घन कब बरसोगे - भजन लिरिक्स
यह भजन भगवान श्याम (कृष्ण) से वर्षा के लिए प्रार्थना और उनके दर्शन की लालसा को व्यक्त करता है। यह एक भक्त की विरह वेदना और मिलन की आतुरता को दर्शाता है।
भजन के बोल
श्याम घन कब बरसोगे [00:00:54]
कब हमलन संताप न सेग [00:01:11]
विरह निराग न सा [00:01:32]
कब मम मन मयूर नाचे [00:02:46]
उर आनंद ना समा [00:03:02]
कब चित चातक चहकी उठेगा [00:03:43]
श्याम स्वाति जल पा [00:03:59]
बरसाने सो उठी बदरिया [00:05:32]
घिर गोकुल पर आई [00:05:46]
यमुना भी मधुवन भीगा [00:05:57]
गोवर्धन परछाई [00:06:04]
ग्वाले भीगे गैया भीगी [00:06:24]
नंद यशोमति माई [00:06:32]
चीर भिगोए ब्रिज बनि तन के [00:06:47]
कुंज कुंज मुस्काई [00:06:53]
कारी कारी कामर यो [00:07:17]
भीगे रसिक कन्हाई [00:07:25]
मोर मुकुट पीतांबर भी [00:07:48]
मुरली दी नलाई [00:07:56]
सूखा हरी पुकारे [00:08:15]
मेरी सुधि काहे बिसराई [00:08:23]
दया करो प्यारे दया करो [00:08:52]
अब बरस भी जाओ [00:08:52]
दीज प्यास बुझाई [00:09:02]
अब घर आओ पिया मन भावन [00:12:03]
उमर घुमर धन गरजत सावन [00:12:37]
चपला चमक चम चम चम चम [00:12:51]
छम छम छम छम बरसत सावन [00:13:14]
पिय पिय प उरत पपीहा [00:13:26]
चातक चित की र सुहावन [00:13:43]
तरसत न दस बिन बरसत [00:13:50]
बिंदु पाद में लागत पावन [00:14:04]
हे सजल जलद नीला [00:14:44]
मैं बावरी बनके ओरे पिया [00:15:06]
तेरी प्रीत में दर दर फिरती हूं [00:15:23]
विरह वेदना में हर पल [00:15:30]
तेरे मिलन क दम जो भरती हूं [00:15:44]
कहां है सखी पिया मेरे प्यारे [00:16:12]
सिसक सिसक कर रोती हूं [00:16:21]
अब तो आए मिलो मेरे मोहना [00:16:47]
क्यों मैं तुमसे मोहब्बत करती हूं [00:17:03]
तेरी याद ने सांवरिया [00:21:11]
नैनों को सावन दे डाला [00:21:25]
सावन तो बरसे बरसों से [00:21:40]
पर बुझी नहीं उनकी ज्वाला [00:21:52]
जीवन की सांझ ढली आशा में [00:22:32]
भी गई मग जोते प्यारे रातें [00:22:48]
बारबार उठे हुक में [00:23:05]
प्यासे ना छम छम रो दे [00:23:18]
असुवन मोती चुन चुन के [00:23:38]
फिरो आशा की माला [00:24:01]
तुम क्या जानो पीर प्रेम की [00:25:17]
ये तो जाने प्रेम दीवाने [00:25:44]
छुप छुप रोती रो रो कहती [00:25:55]
प्यारे अपनी प्रेम कहानी [00:26:12]
प्रीत लगाकर भूल गया [00:26:31]
मोहे मोहन मुरली वाला [00:26:47]
भजन का सार
यह भजन एक भक्त की गहरी भक्ति और भगवान श्याम के प्रति प्रेम को दर्शाता है। भक्त वर्षा के माध्यम से भगवान के आगमन की कामना करता है, अपनी विरह वेदना को व्यक्त करता है, और उनके दर्शन के लिए व्याकुल है। यह भजन आध्यात्मिक प्यास और ईश्वर से मिलन की तीव्र इच्छा को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है।
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