यह बात वडोदरा के एक गांव की है जहां एक व्यक्ति ने एक गाय खरीदी, और उसी रात से उसके घर के आसपास रहने वाले कुत्तों ने प्रतिदिन रात को बेतहाशा भौंकना शुरू कर दिया,
यह वाकया लगातार कई रातों तक हुआ, जिसके बाद घर के मालिक ने कैमरा लगाया, और फिर रात को कुत्ते वैसे ही भौंके और अगले दिन जब कैमरा की फुटेज देखी तो वह यह देखकर आश्चर्यचकित रह गया कि रात को एक तेंदुआ गाय के पास आया और उसके समीप बैठ गया और गाय भी उसे दुलारने लगी, हर दिन रात को तेंदुआ आता और गाय के पास बैठ जाता और सुबह होने से पअहले घर वापिस चला जाता।
अब गाय के पिछले मालिक से इस विषय मे बातचीतक़ की गई तब पता चला कि इस तेंदुए की माँ की मौत तब हुई थी जब यह तेंदुआ मात्र 20 दिन का शावक था और तब इसी गाय ने उसे अपना दूध पिलाया था।
शावक बड़ा हुआ तो तब उसे पास के जंगल में छोड़ दिया गया लेकिन, पूरी तरह से विकसित वह तेंदुआ अब भी हर रात आता और गाय के साथ समय बिताता हैं…यह हैं मां की ममता जो भेदभाव नहीं करती हैं कि वो शावक हैं या बछड़ा।